शिक्षक और उनके दायित्व|

प्रिय छात्र एवं छात्राओं आप सब भलीभांति जानते है कि शिक्षकों के कंधों पर विद्यार्थियों के बेहतर भविष्य का दायित्व होता है। एक शिक्षक के हाथों में समस्त संसार के भविष्य की बागडोर होती है। वे न केवल ज्ञान का संचार करते हैं, बल्कि नैतिकता, मूल्य और अनुशासन की नींव भी रखते हैं। शिक्षक अपने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हैं, उन्हें चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करते हैं, और उनकी प्रतिभा को निखारते हैं। सही मार्गदर्शन और समर्थन से, शिक्षक विद्यार्थियों को उनकी पूर्ण क्षमता तक पहुँचाने में मदद करते हैं। इस प्रकार, एक शिक्षक का योगदान केवल शिक्षा तक सीमित नहीं होता, बल्कि वे समाज के विकास और समृद्धि में भी अहम भूमिका निभाते हैं। शिक्षक ही वह स्तंभ हैं जिन पर एक सभ्य और उन्नत समाज की नींव टिकी होती है। कहा भी गया है :
गुरुरेव गतिर्नान्यं शिष्यस्य वशतः क्वचित्।
गुरौ हि विद्या सम्पूर्णा गुरौ गुणाः समाहिताः॥
> सादर आभार:
S.P. Barnawal
Chairman
HBCE Skill Development LLP
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